माटीकला टूल-किट्स वितरण योजना

माटीकला टूल-किट्स वितरण योजना के परम्परागत उपकरणों के साथ कार्य करना कारीगरों के लिए अत्यन्त श्रमसाध्य है, इससे उत्पादकता भी प्रभावित होती है। आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर माटीकला कारीगरों के आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से, कारीगरों/शिल्पियों को टूल-किट्स वितरित किया जाता है । साथ ही लाभार्थियों को विभागीय मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्रो पर माटीकला की नवीन तकनीक एवं टूल-कीट्स संचालन का तीन दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

लाभार्थियों का चयन, पात्रता एवं मापदंड

योजनान्तर्गत लाभार्थियों से ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित हैं, लाभार्थियों के चयन हेतु जनपद स्तर पर गठित चयन समिति द्वारा किया जायेगा।

मुख्य विकास अधिकारी

परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी

लेखा परीक्षक (परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी)

जिला ग्रामोद्योग अधिकारी

- अध्यक्ष

- सदस्य

- सदस्य

- संयोजक सदस्य

योजनान्तर्गत चयन हेतु निम्नवत् पात्रता / मापदंड निर्धारित हैं-

  • माटीकला के परम्परागत कारीगर हों।
  • परम्परागत कारीगर परिवार के शिक्षित बेरोजगार अभ्यर्थी हों।
  • माटीकला के किसी विधा के प्रशिक्षित / प्रमाण पत्र धारक अभ्यर्थी हो।
  • स्वतः रोजगार में रूचि रखने वाली परम्परागत कारीगर परिवार की महिला हो।
  • लाभार्थी उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो।
  • लाभार्थी की आयु 18 से 55 वर्ष के मध्य हो। (सम्बंधित वित्तीय वर्ष की पहली अप्रैल को )
  • अभ्यर्थी की उपलब्धता के आधार पर शासकीय व्यवस्था के अनुरूप आरक्षित वर्ग का आरक्षण सुनिश्चित किया जाता है।
  • लाभार्थी का चयन उनकी आर्थिक स्थिति, माटीकला का अनुभव, तकनीकी ज्ञान, विपणन योग्यता इत्यादि के आधार पर किया जाता है।