बोर्ड के कार्य एवं क्षेत्राधिकार

उ0प्र0 माटीकला बोर्ड के कार्य एवं क्षेत्राधिकार निम्नवत हैं-

1

माटीकला तथा माटी शिल्पकला विषयक उद्योगों से संबंधित अधोसंरचना जैसे-बिजली, पानी, पहुँच मार्ग आदि की व्यवस्था एवं औद्योगिक क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर शेड आवंटन के संबंध में सुझाव देना।

2

आवश्यकतानुसार उत्तर प्रदेश के अन्दर अथवा उत्तर प्रदेश के बाहर कही भी कार्यालय, इम्पोरियम तथा एजेंसी नियुक्त व स्थापित करना।

3

माटीकला एवं माटी शिल्पकला के माध्यम से कारीगरों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना, इस हेतु प्रशिक्षण, तकनीकी कार्यशालायें व अन्य आवश्यक विकासात्मक गतिविधियाँ आदि संचालित करना।

4

परम्परागत एवं नवप्रशिक्षित शिल्पियों के शिल्पों के डिजाइन विकास के लिए कार्य कराना नवीनतम तकनीक एवं उपकरण आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराना बैंक ऋण एवं ब्याज उपादान/मार्जिन मनी सहायता उपलब्ध कराना।

5

परम्परागत एंव नवप्रशिक्षित शिल्पियों को विपणन सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से राष्ट्रीय एंव अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की जानकारी उपलब्ध कराना, प्रचार प्रसार तथा प्रदर्शनियों के आयोजनों में प्रतिभाग कराना।

6

माटीकला तथा माटी शिल्पकला संबंधी कारीगरों/शिल्पियों को विपणन कार्य में निपुण करने तथा क्रेता विक्रेता संवाद, बाजार मांग आदि को दृष्टि को रखते हुए आयोजित प्रदर्शनियों में बारी बारी से हितग्राहियों को सम्मिलित कराया जाना तथा व्यय की प्रतिपूर्ति किया जाना।

7

कारीगरों/शिल्पियों के सर्वांगीण विकास के लिए नितियां बनाना, शासन से विभिन्न योजनायें स्वीकृत कराना, बजट प्राप्त करना तथा तदनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन कराना।

8

भारत सरकार विशेषकर विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) एवं खादी ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार द्वारा संचाालित योजनाओं का क्रियान्वयन कराना।

9

माटी कला एवं माटी शिल्पकला से संबंधित उद्योग के लिए नीति का निर्माण करना तथा विनियोजन, सभी प्रकार के टैक्स, विद्युत दरें आदि से मुक्त रखने हेतु इन उद्योगों को सुविधा प्रदान करने पर सुझाव देना।

10

केन्द्र सरकार राज्य सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र से माटी कला एवं माटी शिल्पकला के कार्य करने वालों को कच्चे माल की सुविधायें एवं सेवायें उपलब्ध कराने के संबंध में समन्वय की व्यवस्था करना तथा संबंधित विभागों एवं संगत संस्थाओं से समन्वय कराना।

11

माटीकला एवं माटी शिल्पकला का कार्य करने वाले कारीगरों एवं उद्योगों की समस्याओं का निराकरण एवं उनके समाजिक/आर्थिक उत्थान हेतु सुझाव देना।

12

माटीकला एवं माटी शिल्पकला का कार्य करने वाले कारीगरों को समाजिक सुरक्षा प्रदान करने संबंधी कार्यक्रमों को तैयार करना एवं क्रियान्वित कराना।

13

प्रदेश सरकार/भारत सरकार के विश्वविद्यालयों अथवा इनकी मान्यता प्राप्त विद्यालयों के फाइन आर्ट विभाग से समन्वय कर प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था कराना।

14

माटीकला एवं माटी शिल्पकला का कार्य करने वाले कारीगरों द्वारा बाजार की मांग अनुरूप वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए प्रशिक्षण/कौशल विकास योजना स्वरोजगार स्थापना हेतु ब्याज उपादान योजना माटीकला एवं माटी शिल्पकला को बढ़ावा देने हेतु प्रिन्ट/इलेक्ट्रिाॅनिक मिडिया एवं अन्य माध्यमों से प्रचार प्रसार करने की योजना उद्यमियों को प्रोत्साहित करने हेतु जिला/मण्डल /राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण की योजना आदि संचालित कराना।

15

कुम्हारी कला में इस्तेमाल होने वाले मिट्टी को निकालने के लिए ऐसी ग्राम पंचायतें जहां प्रजापति समाज के लोगों का बाहुल्य है में उन्हें निशुल्क पट्टों के आवंटन के संबंध में राजस्व विभाग अपने नियमों/प्राधानों के आलोक में पट्टे आवंटित कर बोर्ड को सूचना उपलब्ध करना।

16

पर्यावरण की दृष्टि से वर्तमान में उपयोग हो रहे प्लाटिक के कप के स्थान में सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थानों पर मिट्टी के कुल्हड़ों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तथा परम्परागत कामगारों को सीधे लाभ पहुँचाने हेतु एवं मिट्टी से बने अन्य उत्पादों को भी वरीयता के आधार पर, उनकी क्रय अनिवार्यता जैम पोर्टल के माध्यम से कराया जाना।

17

माटीकला एवं माटी शिल्पकला से निर्मित उत्पादों को खादी बोर्ड एवं खादी संस्थाओं के विपणन केन्द्रों के माध्यम से विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित करना।

18

राज्य सरकार द्वारा समय समय पर दिये गये निर्देशित कार्यों का निर्वहन कराना।

19

तकनीकी सहायता/आधुनिकीकरण हेतु मार्ग दर्शन, प्रशिक्षण एवं विशेषज्ञतापूर्ण सलाह उपलब्ध कराना, ताकि विकास के साथ साथ यह उद्योग आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सकें।

20

उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) 37वां संशोधन नियमावली 2014 के अनुसार खनन पट्टा लिये जाने की आवश्यकता नहीं है, उत्तर प्रदेश उप खनिज (परिहार) 45वां संशोधन नियमावली 2018 द्वारा साधारण मृदा अथवा साधारण मिट्टी पर रायल्टी की दर शून्य कर दी गई है, जिसके अनुसार खनिज रायल्टी सहायता अनुदान की अनुमन्यता संभव नहीं है।

21

उद्यम की आवश्यकता के संबंध में संगत पर्यावरणीय नियमों/अधिनियमों के अन्तर्गत वांछित पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त कर लिए जाने तथा पर्यावरणीय नियमों एवं मा0 न्यायालयों/न्यायाधिकरणों द्वारा समय समय पर निर्गत आदेशों का समुचित अनुपालन बोर्ड द्वारा सुनिश्चित कराया जाना।

22

माटी कला एंव माटी शिल्पकला से जुड़े कामगारों को आवास आवंटित कराया जाना।

23

बोर्ड का कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश है और बोर्ड की योजनाओं का लाभ उन्हीं उद्यमों को देय है जो उत्तर प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत स्थापित हो तथा उद्यमी उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हो।