माटीकला पुरस्कार योजना प्रदेश के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में माटीकला एवं माटी शिल्पकला का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से, माटीकला के क्षेत्र में परम्परागत रूप से कार्य करने वाले शिल्पियों/कारीगरों/उद्यमियों के श्रेष्ठ कृतियों के आधार पर शिल्पियों/कारीगारों/उद्यमियों को पुरस्कृत करने के लिए यह योजना संचालित की जाती है | इसमें राज्य एवं मंडल स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी में पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। पुरस्कार हेतु आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष पूर्ण हो, उ0प्र0 का मूल निवासी हो, संबंधित मण्डल में निवासरत/कार्यरत हो तथा उ0प्र0 माटीकला बोर्ड कार्यालय में सूचीबद्ध/पंजीकृत हो। आवेदक द्वारा केवल एक ही मण्डल में आवेदन किया जायेगा।
मण्डल स्तरीय पुरस्कार हेतु, मण्डल स्तर पर आयोजित होने वाली विभागीय खादी प्रदर्शनियों/अन्य कार्यक्रमों के दौरान, निर्धारित तिथि को प्रतिभाग के इच्छुक माटीकला शिल्पियों द्वारा अपने कला कृतियों के प्रदर्श (माडल) भौतिक रूप में प्रदर्शित किये जाते है जिनका मूल्यांकन परिक्षे़त्रीय अधिकारी द्वारा गठित, त्रि-सदस्यीय माटीकला /फाइन आर्ट्स के विशेषज्ञों की समिति द्वारा कराते हुये, क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार हेतु चयन किया जाता है, जिन्हें मण्डल/राज्य स्तरीय यथोचित समारोह में पुरस्कृत किया जाता है।
राज्य स्तरीय माटीकला पुरस्कार हेतु एक समिति का गठन महाप्रबन्धक, उ0प्र0 माटीकला बोर्ड द्वारा किया जाता है। गठित समिति माटीकला के अन्तर्गत परम्परागत रूप से कार्य करने वाले शिल्पियों/कारीगरों/उद्यमियों को राज्य स्तर पर किये गये उत्कृष्ट कार्य हेतु क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के लिए चयन करती है, जिन्हें राज्य स्तरीय यथोचित समारोह में पुरस्कृत किया जाता है।