माइक्रो माटीकला कॉमन फैसिलिटी सेन्टर योजना: - प्रदेश के जिन क्षेत्रों में माटीकला के कारीगरों/शिल्पियों की बहुतायत है, उन क्षेत्रों में माटीकला की औद्योगिक सहकारी समितियां बना कर माटीकला के छोटे-छोटे सामूहिक केन्द्र स्थापित कराते हुए, उन्हें आधुनिक सुविधा सम्पन्न किया जाता है| यह योजना माटीकला से संबंधित औद्योगिक सहकारी समितियों के माध्यम से कारीगरों/शिल्पियों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने में मदद करती है। आधुनिक तकनीकी से उत्पादित वस्तुएं गुणवत्तायुक्त होती हैं साथ ही उनके उत्पादन लागत में कमी आती है, जिससे उनके उत्पादों की बिक्री एवं लाभांश में वृद्धि होगी।
'माइक्रो माटीकला कॉमन फैसिलिटी सेन्टर योजना' के अन्तर्गत प्रत्येक सेन्टर हेतु औद्योगिक सहकारी समिति द्वारा उपलब्ध कराये गये न्यूनतम 2500 वर्गफुट भू-खण्ड पर 1000 वर्गफुट के सामूहिक टीन शेड का निर्माण कराना, विद्युत एवं जल का प्रबन्ध कराना, माटीकला संबंधी विभिन्न प्रकार के आधुनिक यंत्रो यथा - वाॅलमिल-कम-पाॅटमिल, ब्लन्जर, पगमिल, जिगर जाली, पॉटर वील, मोल्ड्स, आधुनिक भट्टी (फनरेस), भण्डारण एवं डिस्प्ले हेतु रैक्स आदि सुविधायें उपलब्ध कराते हुए, इन केन्द्रों को संयुक्त रूप से उत्पादन, विपणन, कच्चामाल-प्राप्ति स्थल, प्रशिक्षण, सूचना/परामर्श केन्द्र इत्यादि रूप में गतिविधियां संचालित कराने के लिए तैयार किया जाता है।
कॉमन फैसिलिटी सेन्टर स्थापना हेतु मण्डल स्तर पर परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी द्वारा माटीकला की गठित औद्योगिक सहकारी समितियों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर उनकी वित्तीय, तकनीकी, कच्चा माल उपलब्धता, विपणन एवं कुम्हारी कला के व्यापक प्रचार प्रसार की सम्भावना इत्यादि बिन्दुओं पर समीक्षा करते हुये अपनी संस्तुतियों सहित प्रस्ताव, महाप्रबन्धक उ0प्र0 माटीकला बोर्ड को उपलब्ध कराया जाता है। महाप्रबन्धक से अनुमोदन प्राप्त करने के उपरान्त सम्बन्धित जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को फैसलिटी सेण्टर स्थापित कराने के अभिलेखों सहित सूचित किया जाता है योजनान्तर्गत माटीकला की समितियों के चयन हेतु मापदंड निम्नवत हैं|