प्रदेश में मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों एवं शिल्पियों के व्यवसाय में वृद्धि करने, तत्सम्बन्धित कलाकारों की परम्परागत कला को संरक्षित और सम्वर्धित करते हुए उनकी समाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुदृढ़ता एवं तकनीकी विकास को बढ़ावा देने व विपणन आदि की सुविधा उपलब्ध कराने तथा परम्परागत उद्योगों को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं संवर्धित करते हुए अधिकाधिक लोगों को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ”उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड” को एक स्वशासी निकाय के रूप में गठित किया गया है।
आर्थिक रूप से कमजोर माटीकला शिल्पकारों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराना,
माटीकला सम्बन्धी उद्योग स्थापना हेतु बैंको के माध्यम से ऋण वितरण एवं मार्जिनमनी उपलब्ध कराना,
माटीकला की व्यावसायिक गतिविधियों हेतु व्यावहारिक एवं शिल्पकारी प्रशिक्षण प्रदान कराना,
अनुदान प्रदान कर सहकारी औद्योगिक समितियों के माध्यम से माटीकला के माइक्रो कॉमन फैसिलिटी सेन्टर स्थापित कराना,
माटीकला के उत्पादों का उपयोग एवं बिकी बढ़ाने के उद्देश्य से यह योजना संचालित है,
माटीकला के कारीगरों के प्रोत्साहन हेतु राज्य एवं मंडल स्तरीय पुरूस्कार वितरित कराना,